दुर्गा कवच पाठ | Durga Kavach Paath

दुर्गा कवच (अथवा दुर्गा कवचम्) हिंदू धर्म में मां दुर्गा की कृपा एवं सुरक्षा के लिए गाया जाने वाला एक पाठ है। इसे सुनने वाले व्यक्ति को भय, दुर्भाग्य, दुश्मन और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। यहां मैं दुर्गा कवच के पाठ का हिंदी में अनुवाद दे रहा हूँ,

दुर्गा कवच पाठ | Durga Kavach Paath

दुर्गा कवच पाठ

ॐ जातवेदसे सुनवाम सोम मरातीयतो निदहाति वेदः। स नः पर्षदति दुर्गाणि विश्वा नावेव सिन्धुना दुरितात्यग्निः॥

दुर्गा जातानि या दुर्गा प्राप्ता या जाता च या। दुर्गाया धेहि या देवी दुर्गा त्वं दुर्गामांभजेत्॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

रुद्राणी तुंडिले विश्वरूपे वैष्णवि त्रैविक्रमे। नारायणि नमस्तुभ्यं त्राहि मां दुर्गे शरणागतां॥

परात्परे जगन्मातर्महायोगिनि योगेश्वरि। त्रैलोक्ये तिमिरापहा मां सर्वबाधाप्रणाशिनि॥

ब्रह्मणि ब्रह्मसुते चेशि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते। क्षीरसागरतटे शंभोः पद्मासने नमोऽस्तु ते॥

विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे। सर्वदुःखनिवारिणि मां आपन्नाः शरणं व्रज॥

धराधरापते पतितां समस्तां धराम्यहं। त्वद्वासा विश्वमानन्दास्त्वत्पादाब्जसम्भवः॥

महादेवि तवं दासी सर्वसौभाग्यभाजनी। शरण्ये त्रैलोक्यधात्रि मां आश्रय नमोऽस्तु ते॥

श्रियों लक्ष्मीं ददासि दानं भगवन्ते महेश्वरि। यथा त्वद्भक्तिमांबुदे संसारार्णवतारिणि॥

त्वद्वासा विश्वभूतानि त्वत्पादोदकसंनिधौ। सर्वेप्सितफलप्रदे मां आश्रय नमोऽस्तु ते॥

ब्रह्मणी ब्रह्मसुते त्वं दक्षिणा दक्षिणेश्वरि। शङ्खचक्रगदापद्मधारिणि विष्णुवल्लभे॥

सर्वसंक्षोभहन्त्रि च सर्वशम्भुवरारिणि। भार्गवी त्रिवराहान्तकराण्डमृत्युभञ्जिनि॥

वराहरूपेण त्वं च स्वयंवराहान्तके। कृष्णपिङ्गलसर्पाण्ड चण्डचण्डाविकारिणि॥

सर्वशत्रुनिवारिणि भूतानां वेतालरूपिणि। महावज्रे वज्रप्रस्ते हन्त्री रौद्राकारिणि॥

शर्वाणि शार्वभूतेशि वासुधा सागरोत्तरे। श्रीकामाक्षी नमस्तुभ्यं विष्णुशक्ति विनाशिनि॥

तुल्यया रक्तगौरीषि सर्वकामार्थदायिनि। सर्वरोगहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अनेन दुर्गा कवचेन सर्वबाधा विनाशिनी। शान्तिरस्तु भवान्मातः कृपां करोतु मेऽऽन्तरात्॥

मातः कृपां करोतु मेऽऽन्तरात्॥

आपको दुर्गा कवच पाठ करने के लिए धन्यवाद! इसे विधि-विधान से नियमित भक्ति भाव से करने से आपको सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है। देवी दुर्गा आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें। जय मां दुर्गा!

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FAQ

दुर्गा कवच क्या है?

उत्तर: दुर्गा कवच एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है, जिसे दुर्गा माता की कृपा और सुरक्षा के लिए पाठ किया जाता है। इसका पाठ करने से भय, दुर्भाग्य, दुश्मन, और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।

दुर्गा कवच को कैसे पाठ करें?

उत्तर: दुर्गा कवच को एक शुद्ध मनस्क और अनुष्ठान भाव से पाठ करें। सुर्योदय और सूर्यास्त के समय इसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। रोज़ाना पाठ करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

दुर्गा कवच का महत्व क्या है?

उत्तर: दुर्गा कवच पढ़ने से व्यक्ति को सुख, शांति, समृद्धि, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसका नियमित पाठ करने से सभी प्रकार के अशुभ ग्रह दोष नष्ट होते हैं और उत्तम फल मिलता है।

दुर्गा कवच पाठ का समय और विधि क्या है?

उत्तर: दुर्गा कवच पाठ का समय सुबह और सायंकाल हो सकता है। समय को चुनने में सूर्योदय और सूर्यास्त का विचार किया जाता है। ध्यान और शुद्ध भाव से दुर्गा कवच का पाठ करें।

दुर्गा कवच का उच्चारण किस लाभ के लिए किया जाता है?

उत्तर: दुर्गा कवच का उच्चारण करने से व्यक्ति को भय, दुर्भाग्य, रोग, दुश्मन, और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। यह व्यक्ति को सुख, समृद्धि, सम्मान, और शांति की प्राप्ति में मदद करता है।

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