दुर्गा चालीसा पाठ करने से क्या फल मिलता है?
श्री दुर्गा चालीसा पाठ नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी।। निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी।। शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला।। रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे।। तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना।। अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुंदरी बाला।। प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी।। शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें।। रूप सरस्वती …