मां दुर्गा के 108 नाम इस प्रकार हैं, 108 Names of Maa Durga and Download pdf

मां दुर्गा के 108 नाम का पाठ करने के लिए निम्नलिखित तरीका अनुसरण किया जा सकता है

  1. सबसे पहले, एक शुचि और पवित्र स्थान पर बैठें।
  2. एक दुर्गा मंत्र या ध्यान मंत्र का जप करें और मन को शुद्ध करें।
  3. फिर से ध्यान करें और मां दुर्गा को अपने मन में चित्रित करें।
  4. उन्हें आदिशक्ति और सर्वशक्तिशालिनी मां दुर्गा के रूप में समझें।
  5. फिर से ध्यान करें और शुद्ध मन से मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करें। हर नाम को ध्यान से बोलें और उनके महत्व को समझें।
  6. नामों को एकाग्रता से पढ़ने के बाद, मां दुर्गा की आराधना करें और उनसे अपनी शुभकामनाएं मांगें।
  7. ध्यान और आराधना के दौरान शुद्ध भाव से किया गया जप आपके अध्यात्मिक सफलता और शक्ति में वृद्धि कर सकता है।
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इस तरीके से, आप मां दुर्गा के 108 नामों का पाठ करके उनके शक्ति और कृपा का आनंद उठा सकते हैं। यह आपके मन को शांति और सकारात्मकता से भर देगा और आपको आध्यात्मिकता में समृद्धि प्रदान करेगा।

मां दुर्गा के 108 नाम इस प्रकार हैं

  1. शैलपुत्री
  2. ब्रह्मचारिणी
  3. चंद्रघंटा
  4. कूष्माण्डा
  5. स्कंदमाता
  6. कात्यायनी
  7. कालरात्रि
  8. महागौरी
  9. सिद्धिदात्री
  10. भद्रकाली
  11. उमा
  12. हेमा
  13. भैरवी
  14. चामुण्डा
  15. वैष्णवी
  16. वाराही
  17. लक्ष्मी
  18. जयन्ती
  19. सरस्वती
  20. धन्या
  21. सर्वमंगला
  22. शारदा
  23. वश्या
  24. कामरूपिणी
  25. कामला
  26. मातंगी
  27. विजया
  28. सर्वसिद्धीप्रदा
  29. जयाध्यशक्ती
  30. सिद्धमाता
  31. श्री
  32. आद्या
  33. धारिणी
  34. संकटहरणी
  35. निरंजना
  36. विश्वजननी
  37. सर्वदेवमयी
  38. विशालाक्षी
  39. अमरावती
  40. दुर्गा
  41. शुभदा
  42. प्रसन्ना
  43. वाग्वादिनी
  44. सर्वदात्री
  45. शिवा
  46. सर्वकारिणी
  47. शर्वरी
  48. शर्वधारिणी
  49. त्रिनेत्री
  50. नारायणी
  51. ब्रह्मवादिनी
  52. ब्रह्माणी
  53. नाराधिका
  54. विश्वधारिणी
  55. सुराधिका
  56. ब्रह्मचारिणी
  57. नारायणी
  58. विश्वमाता
  59. स्वर्णवर्णा
  60. भार्गवी
  61. सर्वान्नीका
  62. माताराज्ञ्या
  63. सर्वशक्तिः
  64. शरच्चन्द्रनिभानना
  65. विष्णुमाया
  66. लक्ष्मीपाणिर्विधिहरिणी
  67. आयुष्यदा
  68. ज्ञानदा
  69. विभूतिदा
  70. कुमारवती
  71. शिवदुर्गापदप्रिया
  72. सङ्क्षोभिणी
  73. ब्रह्मचारिणी
  74. सर्वपापहरा
  75. शम्भुतृप्तिहरान्तवे
  76. देवकार्यसमुद्यता
  77. गणेश्वराराध्याङ्गना
  78. कालाध्वान्तकदैत्यहन्त्री
  79. श्रीमती
  80. नन्दा
  81. मांगल्यदायिनी
  82. नित्यतृप्तकरी
  83. सञ्चितक्षेमकरी
  84. वारिद्विविधिदायिनी
  85. नन्दानन्दनसंस्तुत्या
  86. महिषासुरमर्दिनी
  87. महादेवी
  88. धर्मकर्मविधायिनी
  89. क्रौंचादिदैत्यकर्षका
  90. धूम्रवर्णा
  91. देववश्या
  92. सर्वजगत्प्रभावती
  93. धराधरेश्वरी
  94. सर्वभूतप्रमथिनी
  95. त्रैलोक्यविक्रमाध्वंसिनी
  96. नागमणिविलयावती
  97. शरच्चन्द्रविशेषाक्षी
  98. विश्वमूर्ति
  99. सिद्धवश्या
  100. व्याघ्राचारुरूपिणी
  101. वैष्णवी
  102. विशारदावाणी
  103. त्रैभवा
  104. त्रिनेत्रा
  105. विश्वमूर्तिर्विचारिणी
  106. सर्वविद्याधिदायिनी
  107. सर्वसौभाग्यदायिनी
  108. सर्वमङ्गल्याविभूषिता।

ये 108 नाम मां दुर्गा के प्रसन्नता और कृपा के लिए प्रशंसनीय हैं, और भक्तों को शक्ति और सफलता के पथ पर आगे बढ़ने में सहायक होते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q: मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है?

Ans: मां दुर्गा किसी विशेष देवी या देवता के नाम का सिंदूर लगाती है जो उनकी पूजा और भक्ति में विशेष महत्वपूर्ण है। उन्हें सिंदूर से सजाने का यह कारण है कि सिंदूर मां दुर्गा के पूर्वतन और शक्तिशाली स्वरूप को प्रतिनिधित्व करता है और भक्तों को सार्वभौमिक शुभकामनाएं और सफलता की प्रेरणा देता है। सिंदूर का इस्तेमाल देवी दुर्गा की पूजा के दौरान धार्मिक अर्थ के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।

Q: मां दुर्गा के 108 नाम क्या हैं?

Ans: मां दुर्गा के 108 नाम निम्नलिखित हैं:(नामों को पढ़ने के लिए पूर्ण उत्तर को देखें)

Q: मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान कब होते हैं?

Ans: मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान का पर्व नवरात्रि के अवसर पर मनाया जाता है। नवरात्रि भारत में धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह 9 दिनों तक चलता है। मां दुर्गा के प्रस्थान का उत्सव विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

Q: मां दुर्गा की पूजा कैसे की जाती है?

Ans: मां दुर्गा की पूजा के दौरान भक्तों ने उन्हें विशेष भोग चढ़ाए जाते हैं और उनके पवित्र भजन गाए जाते हैं। वे अपने घरों में भी मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करते हैं और नौरात्रि के दौरान उनकी पूजा करते हैं।

Q: मां दुर्गा के पूजा और उत्सव का महत्व क्या है?

Ans: मां दुर्गा के पूजा और उत्सव का महत्व उनके शक्तिशाली स्वरूप को समझने और उनसे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संबंध बनाने में है। इस उत्सव के दौरान लोग अपने जीवन को सकारात्मकता, शक्ति और समृद्धि के लिए समर्पित करते हैं और मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं

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