कोजागरी लक्ष्मी पूजा महिलाएं महिलाएं करती हैं और यह हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पूजा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। यह पूजा भगवान लक्ष्मी, धन, समृद्धि, और भाग्य की देवी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। इस पूजा को विशेष धृति और श्रद्धा के साथ की जाती है।
पूजा की शुरुआत करने से पहले, घर को सफाई से सजाना जाता है और उसे श्रृंगारित किया जाता है। यह पूजा रात को की जाती है, जब खासकर महिलाएं साथ होती हैं।
पूजा के दौरान, विशेष रूप से अपने घर के मंदिर में लक्ष्मी माता की मूर्ति को पूजा जाता है। भगवान गणेश की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि वे शुभ फल और सफलता के देवता माने जाते हैं।
कोजागरी लक्ष्मी पूजा 2023 तिथि और समय (Kojagari Lakshmi Puja 2023 Date and Time)
लक्ष्मी पूजा 2023 की तारीख और समय हर साल कृष्ण पक्ष की कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है, लेकिन यह तारीख हर साल बदलती है, क्योंकि वह पंचांग के आधार पर निर्धारित की जाती है। इसलिए, आपको अपने स्थानीय पंचांग या कैलेंडर से इस वर्ष की लक्ष्मी पूजा की तारीख और समय की जांच करनी चाहिए।
कृपया अपने स्थानीय पंचांग या धार्मिक कैलेंडर से लक्ष्मी पूजा 2023 की तारीख और समय की जाँच करें, ताकि आप सही समय पर इस पूजा का आयोजन कर सकें।
2023: कोजागरी लक्ष्मी पूजा 2023 तिथि और समय 28 अक्टूबर 2023 रात 10:55 बजे से रात 11:46 बजे तक है। अवधि 50 मिनट होगी और पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे से शुरू होगी और 29 अक्टूबर 2023 को सुबह 01:53 बजे समाप्त होगी।
कोजागरी लक्ष्मी पूजा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो माँ लक्ष्मी की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, भारत में प्रसिद्ध है और लक्ष्मी माँ की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए की जाती है।
कोजागरी लक्ष्मी पूजा की विधि (Method of Kojagari Lakshmi Puja)
- स्नान: पूजा के दिन सुबह, गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
- पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को शुद्ध करें और माँ लक्ष्मी की मूर्ति को सजाएं.
- कलश पूजा: एक कलश को पूजने के लिए तैयार करें और उसमें पानी, दर्भ, फूल, सुपारी, नरियल, और अगरबत्ती डालें.
- पूजा का आरंभ: रात्रि के समय, माँ लक्ष्मी की मूर्ति का पूजन करें, चाँदी और सोने के सिक्के दें.
- चंद्रवाक्य पाठ: चंद्रवाक्य का पाठ करें, जो कि माँ लक्ष्मी का व्रत होता है.
- कीर्तन और आरती: भजन-कीर्तन करें और माँ लक्ष्मी की आरती करें.
- भोग और प्रसाद: माँ लक्ष्मी को पुष्पमाला, कपूर, दीपक, और अर्पण करें, और फिर प्रसाद बाँटें.
- जागरण: रात भर जागरण करें, जिसमें भजन-कीर्तन और धार्मिक कथाएं सुनाई जाती हैं.
कोजागरी लक्ष्मी पूजा का महत्व (Importance of Kojagari Lakshmi Puja)
कोजागरी लक्ष्मी पूजा का पालन करने से लोग माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करते हैं और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है। यह पूजा विशेष रूप से घर के सामाजिक और आर्थिक स्तर पर महत्वपूर्ण है.
कोजागरी लक्ष्मी पूजा का पालन करके व्यक्ति धन, सौभाग्य, और धान्यवाद प्राप्त करते हैं, और इसका महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू परंपरा में है।
इस साल कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन 1 नवम्बर को है, और यह व्रत धन, सौभाग्य, और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए एक अच्छा मौका है। आपके घर में खुशियाँ और समृद्धि हो।
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FAQ
Q: कोजागरी लक्ष्मी पूजा क्या है?
Ans: कोजागरी लक्ष्मी पूजा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, एक हिन्दू त्योहार है जो माँ लक्ष्मी की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत धन और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है
Q: कोजागरी लक्ष्मी पूजा कैसे मनाई जाती है?
Ans: कोजागरी लक्ष्मी पूजा को माँ लक्ष्मी की पूजा के रूप में मनाया जाता है. इसमें स्नान, मूर्ति का पूजन, कलश पूजा, चंद्रवाक्य पाठ, आरती, भजन-कीर्तन, और प्रसाद बाँटने की प्रक्रिया होती है
Q: कोजागरी लक्ष्मी पूजा का महत्व क्या है?
Ans: कोजागरी लक्ष्मी पूजा का पालन करने से व्यक्ति को माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है. यह पूजा विशेष रूप से धन और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है
Q: कोजागरी लक्ष्मी पूजा के दिन क्या खाना चाहिए?
Ans: कोजागरी लक्ष्मी पूजा के दिन विशेष रूप से मिठाईयाँ बनाई जाती हैं, जैसे कि मालपुआ, खीर, और पुड़ी. यह खाना पूजा के बाद खाया जाता है और सबको खुशियों से भर देता है
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